बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 गृहविज्ञान
प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर -
गर्भस्थ शिशु, जो माँ के शरीर से जन्म लेता है, उसे नवजात शिश (Neonate) कहते हैं। Neonate लैटिन भाषा का शब्द है, जो सम्भवत: ग्रीक भाषा के शब्द Neos से बना है, जिसका अर्थ है नया नवजात शिशु (Neonate) शब्द का अर्थ है-वह नवजात शिशु, जिसकी आयु अधिक से अधिक 30 दिन की हों जन्म से आधा घण्टा आयु तक का बालक Partunate कहलाता है।
Partunate period वह है, जिसमें बच्चे के Umbilical Cord को काटकर बच्चों को माँ से अलग किया जाता है। वह एक स्वतन्त्र और माँ से भिन्न जीव बन जाता है। कुछ मनोवैज्ञानिक Neonate के स्थान पर New Born Infant शब्द का प्रयोग करते हैं और इसकी आयु जन्म से केवल 10 दिन तक मानते हैं। नवजात शिशु की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार से हैं-
शारीरिक विकास से सम्बन्धित विशेषताएँ
(Properties Related to Physical Development
शारीरिक विकास से सम्बन्धित निम्न चार विशेषताएँ हैं-
(अ) नवजात शिशु का आकार (Size of the Infant) - जन्म के समय नवजात शिशु का औसत भार 7.5 पौण्ड तथा औसत लम्बाई 19.5 इंच होती है। भार के औसत का विस्तार 3-16 पौण्ड तक तथा लम्बाई के औसत का विस्तार 15-21 इंच तक होता है। अक्सर जन्म के समय लड़के-लड़कियों की अपेक्षा अधिक लम्बे होते हैं। नवजात शिशु के आकार को अनेक कारक प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारक निम्न प्रकार से हैं-
(i) माँ का आहार (Maternal Diet) - माँस के आहार में प्रोटीन की मात्रा शिशु के आकार को सर्वाधिक प्रभावित करती है। स्मिथ और वाइन्स (Smith, 1947; Wines, 1947) के अनुसार,"माँ के आहार में पोषक तत्त्व जितने ही कम मात्रा में होंगे, नवजात शिशु का आकार उतना ही छोटा होता है।
(ii) आर्थिक स्तर (Economic Status) - माता-पिता के आर्थिक स्तर का सम्बन्ध माँ के आहार की मात्रा और क्वालिटी से है। गिब्सन (Gibson, 1951) ने अपने अध्ययनों में देखा कि उन लोगों में, जिनका आर्थिक स्तर निम्न होता है, उनके बच्चे आकार में छोटे और कम भार वाले उत्पन्न होते हैं।
(iii) गर्भस्थ शिशु की क्रियाएँ (Fetal Activity) - अध्ययनों में देखा गया है कि जो गर्भस्थ शिशु गर्भकालीन अवस्था में अधिक क्रियाशील होते हैं, वे जन्म के समय दुबले-पतले और कम भार के होते हैं।
(iv) अन्य कारक (Other Factor) - जिन बच्चों को जन्म के 6 घण्टे या इसके बाद Feed किया जाता है, वे अपना भार कम (loose) हैं। कुछ अध्ययनों (Brown, 1939; Salber & Bradshaw, 1953, 1954) में यह देखा गया है कि जो बच्चे बसन्त और गर्मियों में होते हैं उनका अपना भार जल्दी बढ़ता है, परन्तु यह ठंडे देशों के लिए सही है। अपने देश में जो बच्चे जाड़े के प्रारम्भ में पैदा होते हैं, उनका अपना भार शीघ्र बढ़ता है। यह देखा गया है कि नया बच्चा जन्म के 7 दिन तक भार में घटता है और 7 दिन के बाद उनका अपना भार बढ़ने लग जाता है। जन्म के सात दिन के बाद शिशु का भार कितना शीघ्र बढ़ेगा, यह कई कारकों पर निर्भर करता है; जैसे—नवजात शिशु का जन्म क्रम, यौन, जन्म के समय आकार तथा जन्म का प्रकार आदि।
(ब) शारीरिक अनुपात (Physical Proportions) - हरलॉक (1968) का विस्तार है कि, "नवजात शिशु व्यस्क व्यक्ति नहीं है।" (The Newborn Infant is not a Adult) नवजात शिशु के शारीरिक अनुपात व्यस्क व्यक्तियों की अपेक्षा भिन्न होते हैं। उसका सिर उसके सम्पूर्ण शरीर का 1/4 होता है जबकि वयस्क व्यक्तियों में सिर और शरीर का अनुपात 1: 7 होता है। खोपड़ी ( Cranium) और चेहरे का अनुपात 8 1 होता है। नवजात शिशु के कन्धे पतले, गर्दन सँकरी, पेट कुछ लम्बा, नाक चपटी और जबड़े अविकसित होते हैं। उसकी भुजाएँ धड़ तथा पैर और सिर की तुलना में छोटी होती हैं।
(स) नवजात शिशु के विशिष्ट गुण (Infantile Features) - नवजात शिशु के कुछ प्रमुख विशिष्ट गुण निम्न प्रकार से हैं-
(i) आँखें (Eyes) - जन्म के समय आँखें हल्के भूरे रंग की होती हैं तथा जन्म के कुछ ही दिनों में आँखों का रंग बदलकर कोई स्थायी रंग बन जाता है-अधिकांश बच्चों की आँखें काली होती हैं। आँखें आकार की दृष्टि से परिपक्व लगती हैं, परन्तु इनका इनकी गतियों पर कोई विशिष्ट नियन्त्रण नहीं होता है। दोनों आँखों में कोई समन्वय नहीं होता है। ऐसा लगता है कि नवजात शिशु एक आँख में एक ओर और दूसरी आँख में दूसरी ओर देख रहा है।
(ii) गर्दन ( Neck) - नवजात शिशु की गर्दन बहुत छोटी होती है। चूँकि सम्पूर्ण शरीर की अपेक्षा सिर बड़ा होता है। अतः छोटी गर्दन दिखाई नहीं देती है। ऐसा लगता है कि बालक का सिर, धड़ से ही जुड़ा हुआ है।
(iii) बाल (Hair) - नवजात शिशु के बाल रेशम की तरह मुलायम होते हैं। पीठ और कन्धों पर भी रेशम की तरह मुलायम बाल होते हैं जो जन्म से कुछ ही सप्ताह बाद झड़ जाते हैं।
(iv) माँसपेशियाँ (Muscles) - नवजात शिशु की माँसपेशियाँ छोटी और मुलायम होती हैं। शिशु का इन पर अधिक नियन्त्रण नही होता है। पैर और गर्दन की माँसपेशियाँ शरीर की अन्य माँसपेशियों की अपेक्षा कम विकसित होती हैं।
(v) हड्डियाँ (Bones) - शिशु की हड्डियाँ बहुत लचीली, कोमल और कार्टिलेज की बनी हुई होती हैं।
(vi) त्वचा (Skin) - जन्म के समय बालक की त्वचा गुलाबी रंग की होती है। लगभग जन्म के 15 दिन बाद त्वचा का रंग स्थायी होने लग जाता है।
(vii) दाँत (Teeth) - जन्म के समय शिशुओं में दाँत नहीं पाए जाते हैं। मेसलर (Massler & Savara, 1950) ने अपने एक अध्ययन में देखा कि अमेरिका में 2,000 शिशुओं में एक शिशु के जन्म के समय दाँत अवश्य होते हैं। यह दाँत निचले जबड़े में आगे की ओर होते हैं। अपने देश में नवजात शिशु के दाँत होने और भी अनौखी बात है। जन्म के समय दाँतों के होने का कारण Geneftic Factors है।
(द) शरीरशास्त्री क्रियाएँ (Physiological Functions) - बालकों की अपेक्षा नवजात शिशुओं की शरीर शास्त्रीय क्रियाएँ भिन्न होती हैं-
(i) श्वसन क्रिया (Respiration) - नवजात शिशु जन्म होते ही रोना प्रारम्भ करता है। रोने से उसके फेफड़े फूल जाते हैं और श्वसन क्रिया आरम्भ हो जाती है ( C. A. Smith, 1963)। स्पष्ट है कि शिशु का जन्म होते ही शिशु का रोना उसके जीने के लिए अति आवश्यक है। जन्म के समय प्रारम्भ में श्वसन- गति 40 से 50 Breathing Movement प्रति मिनट होती है। परन्तु एक सप्ताह के अन्त तक यह गति 35 गतियाँ प्रति मिनट रह जाती हैं। प्रौढ़ व्यक्तियों में श्वसन की गति 18 गतियाँ प्रति मिनट होती हैं। जब शिशु जागता है तब श्वसन की गति कम 32.3 गतियाँ प्रति मिनट और जब वह रोता है उस समय श्वसन गति 133.3 गतियाँ प्रति मिनट पहुँच जाती हैं
(ii) हृदय की धड़कन ( Heart Beats) - व्यस्क व्यक्तियों की अपेक्षा नवजात शिशु के हृदय की धड़कनें अधिक होती हैं; क्योंकि नवजात शिशु का हृदय आकार में छोटा होता है। एक अध्ययन (H. J. Grossman, N.H. Greenberg 1957) के अनुसार सामान्य रक्तचाप (Blood Pressure) बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि हृदय की धड़कनें अपेक्षाकृत अधिक गति से हों।
(iii) तापक्रम (Temperature) - नवजात शिशुओं में, चाहे वह अधिक स्वस्थ क्यों न हों, उनके शरीर का तापमान वयस्क व्यक्तियों की अपेक्षा कुछ अधिक ही नहीं होता है। बल्कि यह परिवर्तनशील (Variable) भी अधिक होता है। नवजात शिशुओं का तापमान 98.2 से 90° फारेनहाइट तक होता है।
(iv) नाड़ी की गति ( Pulse Rate) - जन्म के समय शिशु की नाड़ी की गति 130 से 150 Beats प्रति मिनट होती है; परन्तु कुछ ही दिनों बाद यह केवल 177 रह जाती है। वयस्क व्यक्तिों में नाड़ी की गति केवल 70 Beats प्रति मिनट होती है सोते समय शिशुओं की नाड़ी की गति 123.5 Beats प्रति मिनट तथा रोते समय 218.5 Beats प्रति मिनट होती हैं।
(v) चूसने सम्बन्धी सहजक्रिया गतियाँ (Reflex Suking Movements) - जब नवजात शिशु के होंठ छुए जाते हैं अथवा जब वह भूखा होता है, उस समय उसमें चूसने सम्बन्धी सहज क्रियात्मक गतियाँ होती हैं। एक अध्ययन (B. Spock, 1964) में यह देखा गया है कि जो शिशु स्तनपान करते हैं, उनमें Sucking Movements अन्य बच्चों की अपेक्षा अधिक मात्रा में पाया जाते हैं।
(vi) भूख के आकुंचन (Hunger Rhythms) - जन्म के समय बालक में भूख आकुंचन नहीं होते हैं। यह आकुंचन दो या तीन सप्ताह की आयु के बाद विकसित होते हैं। एक अध्ययन (Pratt, 1954) के अनुसार, "नवजात शिशुओं का पेट 4 से 5 घण्टे में खाली हो जाता है। उनकी छोटी आँतें 7 से 8 घण्टे में खाली हो जाती हैं तथा बड़ी आँतें 2 से 14 घण्टे में खाली होती हैं। शिशु मल-मूत्र का त्याग अक्सर Feeding के 1/2 घण्टे बाद करता है। चौबीस घण्टे में शिशु लगभग 5 बार मल-मूत्र का त्याग करता है।" यह देखा गया है कि शिशु जिस समय मल-मूत्र का त्याग करता है, उस समय वह चुप रहता है (Halverson, 1940)।
(vi) नींद ( Sleeps) - नवजात शिशु पन्द्रह से बीस घण्टे प्रतिदिन सोता है परन्तु वह इतने घण्टे लगातार नहीं सोता है। वह लगभग दो-दो घण्टे की नींद लेता हैं। जैसे-जैसे उसकी आयु बढ़ती जाती है, उसकी नींद का अन्तराल बढ़ता जाता है तथा उसकी नींद भी दो-दो घण्टे के बजाए अधिक समय की होती है। भूख होने पर, पीड़ा होने पर या आन्तरिक कष्ट होने पर उसकी नींद खुल जाती है।
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