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बीए सेमेस्टर-1 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :250
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2634
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-1 गृहविज्ञान

प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।

उत्तर -

गर्भस्थ शिशु, जो माँ के शरीर से जन्म लेता है, उसे नवजात शिश (Neonate) कहते हैं। Neonate लैटिन भाषा का शब्द है, जो सम्भवत: ग्रीक भाषा के शब्द Neos से बना है, जिसका अर्थ है नया नवजात शिशु (Neonate) शब्द का अर्थ है-वह नवजात शिशु, जिसकी आयु अधिक से अधिक 30 दिन की हों जन्म से आधा घण्टा आयु तक का बालक Partunate कहलाता है।

Partunate period वह है, जिसमें बच्चे के Umbilical Cord को काटकर बच्चों को माँ से अलग किया जाता है। वह एक स्वतन्त्र और माँ से भिन्न जीव बन जाता है। कुछ मनोवैज्ञानिक Neonate के स्थान पर New Born Infant शब्द का प्रयोग करते हैं और इसकी आयु जन्म से केवल 10 दिन तक मानते हैं। नवजात शिशु की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार से हैं-

शारीरिक विकास से सम्बन्धित विशेषताएँ
(Properties Related to Physical Development

शारीरिक विकास से सम्बन्धित निम्न चार विशेषताएँ हैं-

(अ) नवजात शिशु का आकार (Size of the Infant) - जन्म के समय नवजात शिशु का औसत भार 7.5 पौण्ड तथा औसत लम्बाई 19.5 इंच होती है। भार के औसत का विस्तार 3-16 पौण्ड तक तथा लम्बाई के औसत का विस्तार 15-21 इंच तक होता है। अक्सर जन्म के समय लड़के-लड़कियों की अपेक्षा अधिक लम्बे होते हैं। नवजात शिशु के आकार को अनेक कारक प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारक निम्न प्रकार से हैं-

(i) माँ का आहार (Maternal Diet) - माँस के आहार में प्रोटीन की मात्रा शिशु के आकार को सर्वाधिक प्रभावित करती है। स्मिथ और वाइन्स (Smith, 1947; Wines, 1947) के अनुसार,"माँ के आहार में पोषक तत्त्व जितने ही कम मात्रा में होंगे, नवजात शिशु का आकार उतना ही छोटा होता है।

(ii) आर्थिक स्तर (Economic Status) - माता-पिता के आर्थिक स्तर का सम्बन्ध माँ के आहार की मात्रा और क्वालिटी से है। गिब्सन (Gibson, 1951) ने अपने अध्ययनों में देखा कि उन लोगों में, जिनका आर्थिक स्तर निम्न होता है, उनके बच्चे आकार में छोटे और कम भार वाले उत्पन्न होते हैं।

(iii) गर्भस्थ शिशु की क्रियाएँ (Fetal Activity) - अध्ययनों में देखा गया है कि जो गर्भस्थ शिशु गर्भकालीन अवस्था में अधिक क्रियाशील होते हैं, वे जन्म के समय दुबले-पतले और कम भार के होते हैं।

(iv) अन्य कारक (Other Factor) - जिन बच्चों को जन्म के 6 घण्टे या इसके बाद Feed किया जाता है, वे अपना भार कम (loose) हैं। कुछ अध्ययनों (Brown, 1939; Salber & Bradshaw, 1953, 1954) में यह देखा गया है कि जो बच्चे बसन्त और गर्मियों में होते हैं उनका अपना भार जल्दी बढ़ता है, परन्तु यह ठंडे देशों के लिए सही है। अपने देश में जो बच्चे जाड़े के प्रारम्भ में पैदा होते हैं, उनका अपना भार शीघ्र बढ़ता है। यह देखा गया है कि नया बच्चा जन्म के 7 दिन तक भार में घटता है और 7 दिन के बाद उनका अपना भार बढ़ने लग जाता है। जन्म के सात दिन के बाद शिशु का भार कितना शीघ्र बढ़ेगा, यह कई कारकों पर निर्भर करता है; जैसे—नवजात शिशु का जन्म क्रम, यौन, जन्म के समय आकार तथा जन्म का प्रकार आदि।

(ब) शारीरिक अनुपात (Physical Proportions) - हरलॉक (1968) का विस्तार है कि, "नवजात शिशु व्यस्क व्यक्ति नहीं है।" (The Newborn Infant is not a Adult) नवजात शिशु के शारीरिक अनुपात व्यस्क व्यक्तियों की अपेक्षा भिन्न होते हैं। उसका सिर उसके सम्पूर्ण शरीर का 1/4 होता है जबकि वयस्क व्यक्तियों में सिर और शरीर का अनुपात 1: 7 होता है। खोपड़ी ( Cranium) और चेहरे का अनुपात 8 1 होता है। नवजात शिशु के कन्धे पतले, गर्दन सँकरी, पेट कुछ लम्बा, नाक चपटी और जबड़े अविकसित होते हैं। उसकी भुजाएँ धड़ तथा पैर और सिर की तुलना में छोटी होती हैं।

(स) नवजात शिशु के विशिष्ट गुण (Infantile Features) - नवजात शिशु के कुछ प्रमुख विशिष्ट गुण निम्न प्रकार से हैं-

(i) आँखें (Eyes) - जन्म के समय आँखें हल्के भूरे रंग की होती हैं तथा जन्म के कुछ ही दिनों में आँखों का रंग बदलकर कोई स्थायी रंग बन जाता है-अधिकांश बच्चों की आँखें काली होती हैं। आँखें आकार की दृष्टि से परिपक्व लगती हैं, परन्तु इनका इनकी गतियों पर कोई विशिष्ट नियन्त्रण नहीं होता है। दोनों आँखों में कोई समन्वय नहीं होता है। ऐसा लगता है कि नवजात शिशु एक आँख में एक ओर और दूसरी आँख में दूसरी ओर देख रहा है।

(ii) गर्दन ( Neck) - नवजात शिशु की गर्दन बहुत छोटी होती है। चूँकि सम्पूर्ण शरीर की अपेक्षा सिर बड़ा होता है। अतः छोटी गर्दन दिखाई नहीं देती है। ऐसा लगता है कि बालक का सिर, धड़ से ही जुड़ा हुआ है।

(iii) बाल (Hair) - नवजात शिशु के बाल रेशम की तरह मुलायम होते हैं। पीठ और कन्धों पर भी रेशम की तरह मुलायम बाल होते हैं जो जन्म से कुछ ही सप्ताह बाद झड़ जाते हैं।

(iv) माँसपेशियाँ (Muscles) - नवजात शिशु की माँसपेशियाँ छोटी और मुलायम होती हैं। शिशु का इन पर अधिक नियन्त्रण नही होता है। पैर और गर्दन की माँसपेशियाँ शरीर की अन्य माँसपेशियों की अपेक्षा कम विकसित होती हैं।

(v) हड्डियाँ (Bones) - शिशु की हड्डियाँ बहुत लचीली, कोमल और कार्टिलेज की बनी हुई होती हैं।

(vi) त्वचा (Skin) - जन्म के समय बालक की त्वचा गुलाबी रंग की होती है। लगभग जन्म के 15 दिन बाद त्वचा का रंग स्थायी होने लग जाता है।

(vii) दाँत (Teeth) - जन्म के समय शिशुओं में दाँत नहीं पाए जाते हैं। मेसलर (Massler & Savara, 1950) ने अपने एक अध्ययन में देखा कि अमेरिका में 2,000 शिशुओं में एक शिशु के जन्म के समय दाँत अवश्य होते हैं। यह दाँत निचले जबड़े में आगे की ओर होते हैं। अपने देश में नवजात शिशु के दाँत होने और भी अनौखी बात है। जन्म के समय दाँतों के होने का कारण Geneftic Factors है।

(द) शरीरशास्त्री क्रियाएँ (Physiological Functions) - बालकों की अपेक्षा नवजात शिशुओं की शरीर शास्त्रीय क्रियाएँ भिन्न होती हैं-

(i) श्वसन क्रिया (Respiration) - नवजात शिशु जन्म होते ही रोना प्रारम्भ करता है। रोने से उसके फेफड़े फूल जाते हैं और श्वसन क्रिया आरम्भ हो जाती है ( C. A. Smith, 1963)। स्पष्ट है कि शिशु का जन्म होते ही शिशु का रोना उसके जीने के लिए अति आवश्यक है। जन्म के समय प्रारम्भ में श्वसन- गति 40 से 50 Breathing Movement प्रति मिनट होती है। परन्तु एक सप्ताह के अन्त तक यह गति 35 गतियाँ प्रति मिनट रह जाती हैं। प्रौढ़ व्यक्तियों में श्वसन की गति 18 गतियाँ प्रति मिनट होती हैं। जब शिशु जागता है तब श्वसन की गति कम 32.3 गतियाँ प्रति मिनट और जब वह रोता है उस समय श्वसन गति 133.3 गतियाँ प्रति मिनट पहुँच जाती हैं

(ii) हृदय की धड़कन ( Heart Beats) - व्यस्क व्यक्तियों की अपेक्षा नवजात शिशु के हृदय की धड़कनें अधिक होती हैं; क्योंकि नवजात शिशु का हृदय आकार में छोटा होता है। एक अध्ययन (H. J. Grossman, N.H. Greenberg 1957) के अनुसार सामान्य रक्तचाप (Blood Pressure) बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि हृदय की धड़कनें अपेक्षाकृत अधिक गति से हों।

(iii) तापक्रम (Temperature) - नवजात शिशुओं में, चाहे वह अधिक स्वस्थ क्यों न हों, उनके शरीर का तापमान वयस्क व्यक्तियों की अपेक्षा कुछ अधिक ही नहीं होता है। बल्कि यह परिवर्तनशील (Variable) भी अधिक होता है। नवजात शिशुओं का तापमान 98.2 से 90° फारेनहाइट तक होता है।

(iv) नाड़ी की गति ( Pulse Rate) - जन्म के समय शिशु की नाड़ी की गति 130 से 150 Beats प्रति मिनट होती है; परन्तु कुछ ही दिनों बाद यह केवल 177 रह जाती है। वयस्क व्यक्तिों में नाड़ी की गति केवल 70 Beats प्रति मिनट होती है सोते समय शिशुओं की नाड़ी की गति 123.5 Beats प्रति मिनट तथा रोते समय 218.5 Beats प्रति मिनट होती हैं।

(v) चूसने सम्बन्धी सहजक्रिया गतियाँ (Reflex Suking Movements) - जब नवजात शिशु के होंठ छुए जाते हैं अथवा जब वह भूखा होता है, उस समय उसमें चूसने सम्बन्धी सहज क्रियात्मक गतियाँ होती हैं। एक अध्ययन (B. Spock, 1964) में यह देखा गया है कि जो शिशु स्तनपान करते हैं, उनमें Sucking Movements अन्य बच्चों की अपेक्षा अधिक मात्रा में पाया जाते हैं।

(vi) भूख के आकुंचन (Hunger Rhythms) - जन्म के समय बालक में भूख आकुंचन नहीं होते हैं। यह आकुंचन दो या तीन सप्ताह की आयु के बाद विकसित होते हैं। एक अध्ययन (Pratt, 1954) के अनुसार, "नवजात शिशुओं का पेट 4 से 5 घण्टे में खाली हो जाता है। उनकी छोटी आँतें 7 से 8 घण्टे में खाली हो जाती हैं तथा बड़ी आँतें 2 से 14 घण्टे में खाली होती हैं। शिशु मल-मूत्र का त्याग अक्सर Feeding के 1/2 घण्टे बाद करता है। चौबीस घण्टे में शिशु लगभग 5 बार मल-मूत्र का त्याग करता है।" यह देखा गया है कि शिशु जिस समय मल-मूत्र का त्याग करता है, उस समय वह चुप रहता है (Halverson, 1940)।

(vi) नींद ( Sleeps) - नवजात शिशु पन्द्रह से बीस घण्टे प्रतिदिन सोता है परन्तु वह इतने घण्टे लगातार नहीं सोता है। वह लगभग दो-दो घण्टे की नींद लेता हैं। जैसे-जैसे उसकी आयु बढ़ती जाती है, उसकी नींद का अन्तराल बढ़ता जाता है तथा उसकी नींद भी दो-दो घण्टे के बजाए अधिक समय की होती है। भूख होने पर, पीड़ा होने पर या आन्तरिक कष्ट होने पर उसकी नींद खुल जाती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- पारम्परिक गृह विज्ञान और वर्तमान युग में इसकी प्रासंगिकता एवं भारतीय गृह वैज्ञानिकों के द्वारा दिये गये योगदान की व्याख्या कीजिए।
  2. प्रश्न- NIPCCD के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- 'भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद' (I.C.M.R.) के विषय में विस्तृत रूप से बताइए।
  4. प्रश्न- केन्द्रीय आहार तकनीकी अनुसंधान परिषद (CFTRI) के विषय पर विस्तृत लेख लिखिए।
  5. प्रश्न- NIPCCD से आप समझते हैं? संक्षेप में बताइये।
  6. प्रश्न- केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान के विषय में आप क्या जानते हैं?
  7. प्रश्न- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- कोशिका किसे कहते हैं? इसकी संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए तथा जीवित कोशिकाओं के लक्षण, गुण, एवं कार्य भी बताइए।
  9. प्रश्न- कोशिकाओं के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- प्लाज्मा झिल्ली की रचना, स्वभाव, जीवात्जनन एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया कोशिका का 'पावर हाउस' कहलाता है। इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  12. प्रश्न- केन्द्रक के विभिन्न घटकों के नाम बताइये। प्रत्येक के कार्य का भी वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- केन्द्रक का महत्व समझाइये।
  14. प्रश्न- पाचन तन्त्र का सचित्र विस्तृत वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- पाचन क्रिया में सहायक अंगों का वर्णन कीजिए तथा भोजन का अवशोषण किस प्रकार होता है?
  16. प्रश्न- पाचन तंत्र में पाए जाने वाले मुख्य पाचक रसों का संक्षिप्त परिचय दीजिए तथा पाचन क्रिया में इनकी भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- आमाशय में पाचन क्रिया, छोटी आँत में भोजन का पाचन, पित्त रस तथा अग्न्याशयिक रस और आँत रस की क्रियाविधि बताइए।
  18. प्रश्न- लार ग्रन्थियों के बारे में बताइए तथा ये किस-किस नाम से जानी जाती हैं?
  19. प्रश्न- पित्ताशय के बारे में लिखिए।
  20. प्रश्न- आँत रस की क्रियाविधि किस प्रकार होती है।
  21. प्रश्न- श्वसन क्रिया से आप क्या समझती हैं? श्वसन तन्त्र के अंग कौन-कौन से होते हैं तथा इसकी क्रियाविधि और महत्व भी बताइए।
  22. प्रश्न- श्वासोच्छ्वास क्या है? इसकी क्रियाविधि समझाइये। श्वसन प्रतिवर्ती क्रिया का संचालन कैसे होता है?
  23. प्रश्न- फेफड़ों की धारिता पर टिप्पणी लिखिए।
  24. प्रश्न- बाह्य श्वसन तथा अन्तःश्वसन पर टिप्पणी लिखिए।
  25. प्रश्न- मानव शरीर के लिए ऑक्सीजन का महत्व बताइए।
  26. प्रश्न- श्वास लेने तथा श्वसन में अन्तर बताइये।
  27. प्रश्न- हृदय की संरचना एवं कार्य का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- रक्त परिसंचरण शरीर में किस प्रकार होता है? उसकी उपयोगिता बताइए।
  29. प्रश्न- हृदय के स्नायु को शुद्ध रक्त कैसे मिलता है तथा यकृताभिसरण कैसे होता है?
  30. प्रश्न- धमनी तथा शिरा से आप क्या समझते हैं? धमनी तथा शिरा की रचना और कार्यों की तुलना कीजिए।
  31. प्रश्न- लसिका से आप क्या समझते हैं? लसिका के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- रक्त का जमना एक जटिल रासायनिक क्रिया है।' व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- रक्तचाप पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- हृदय का नामांकित चित्र बनाइए।
  35. प्रश्न- किसी भी व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति का रक्त क्यों नहीं चढ़ाया जा सकता?
  36. प्रश्न- लाल रक्त कणिकाओं तथा श्वेत रक्त कणिकाओं में अन्तर बताइए?
  37. प्रश्न- आहार से आप क्या समझते हैं? आहार व पोषण विज्ञान का अन्य विज्ञानों से सम्बन्ध बताइए।
  38. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए। (i) चयापचय (ii) उपचारार्थ आहार।
  39. प्रश्न- "पोषण एवं स्वास्थ्य का आपस में पारस्परिक सम्बन्ध है।' इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  40. प्रश्न- अभिशोषण तथा चयापचय को परिभाषित कीजिए।
  41. प्रश्न- शरीर पोषण में जल का अन्य पोषक तत्वों से कम महत्व नहीं है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- भोजन की परिभाषा देते हुए इसके कार्य तथा वर्गीकरण बताइए।
  43. प्रश्न- भोजन के कार्यों की विस्तृत विवेचना करते हुए एक लेख लिखिए।
  44. प्रश्न- आमाशय में पाचन के चरण लिखिए।
  45. प्रश्न- मैक्रो एवं माइक्रो पोषण से आप क्या समझते हो तथा इनकी प्राप्ति स्रोत एवं कमी के प्रभाव क्या-क्या होते हैं?
  46. प्रश्न- आधारीय भोज्य समूहों की भोजन में क्या उपयोगिता है? सात वर्गीय भोज्य समूहों की विवेचना कीजिए।
  47. प्रश्न- “दूध सभी के लिए सम्पूर्ण आहार है।" समझाइए।
  48. प्रश्न- आहार में फलों व सब्जियों का महत्व बताइए। (क) मसाले (ख) तृण धान्य।
  49. प्रश्न- अण्डे की संरचना लिखिए।
  50. प्रश्न- पाचन, अभिशोषण व चयापचय में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- आहार में दाल की उपयोगिता बताइए।
  52. प्रश्न- दूध में कौन से तत्व उपस्थित नहीं होते?
  53. प्रश्न- सोयाबीन का पौष्टिक मूल्य व आहार में इसका महत्व क्या है?
  54. प्रश्न- फलों से प्राप्त पौष्टिक तत्व व आहार में फलों का महत्व बताइए।
  55. प्रश्न- प्रोटीन की संरचना, संगठन बताइए तथा प्रोटीन का वर्गीकरण व उसका पाचन, अवशोषण व चयापचय का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों, साधनों एवं उसकी कमी से होने वाले रोगों की विवेचना कीजिए।
  57. प्रश्न- 'शरीर निर्माणक' पौष्टिक तत्व कौन-कौन से हैं? इनके प्राप्ति के स्रोत क्या हैं?
  58. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कीजिए एवं उनके कार्य बताइये।
  59. प्रश्न- रेशे युक्त आहार से आप क्या समझते हैं? इसके स्रोत व कार्य बताइये।
  60. प्रश्न- वसा का अर्थ बताइए तथा उसका वर्गीकरण समझाइए।
  61. प्रश्न- वसा की दैनिक आवश्यकता बताइए तथा इसकी कमी तथा अधिकता से होने वाली हानियों को बताइए।
  62. प्रश्न- विटामिन से क्या अभिप्राय है? विटामिन का सामान्य वर्गीकरण देते हुए प्रत्येक का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  63. प्रश्न- वसा में घुलनशील विटामिन क्या होते हैं? आहार में विटामिन 'ए' कार्य, स्रोत तथा कमी से होने वाले रोगों का उल्लेख कीजिये।
  64. प्रश्न- खनिज तत्व क्या होते हैं? विभिन्न प्रकार के आवश्यक खनिज तत्वों के कार्यों तथा प्रभावों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- शरीर में लौह लवण की उपस्थिति, स्रोत, दैनिक आवश्यकता, कार्य, न्यूनता के प्रभाव तथा इसके अवशोषण एवं चयापचय का वर्णन कीजिए।
  66. प्रश्न- प्रोटीन की आवश्यकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
  67. प्रश्न- क्वाशियोरकर कुपोषण के लक्षण बताइए।
  68. प्रश्न- भारतवासियों के भोजन में प्रोटीन की कमी के कारणों को संक्षेप में बताइए।
  69. प्रश्न- प्रोटीन हीनता के कारण बताइए।
  70. प्रश्न- क्वाशियोरकर तथा मेरेस्मस के लक्षण बताइए।
  71. प्रश्न- प्रोटीन के कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- भोजन में अनाज के साथ दाल को सम्मिलित करने से प्रोटीन का पोषक मूल्य बढ़ जाता है।-कारण बताइये।
  73. प्रश्न- शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता और कार्य लिखिए।
  74. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत बताइये।
  75. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण कीजिए (केवल चार्ट द्वारा)।
  76. प्रश्न- यौगिक लिपिड के बारे में अतिसंक्षेप में बताइए।
  77. प्रश्न- आवश्यक वसीय अम्लों के बारे में बताइए।
  78. प्रश्न- किन्हीं दो वसा में घुलनशील विटामिन्स के रासायनिक नाम बताइये।
  79. प्रश्न बेरी-बेरी रोग का कारण, लक्षण एवं उपचार बताइये।
  80. प्रश्न- विटामिन (K) के के कार्य एवं प्राप्ति के साधन बताइये।
  81. प्रश्न- विटामिन K की कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- एनीमिया के प्रकारों को बताइए।
  83. प्रश्न- आयोडीन के बारे में अति संक्षेप में बताइए।
  84. प्रश्न- आयोडीन के कार्य अति संक्षेप में बताइए।
  85. प्रश्न- आयोडीन की कमी से होने वाला रोग घेंघा के बारे में बताइए।
  86. प्रश्न- खनिज क्या होते हैं? मेजर तत्व और ट्रेस खनिज तत्व में अन्तर बताइए।
  87. प्रश्न- लौह तत्व के कोई चार स्रोत बताइये।
  88. प्रश्न- कैल्शियम के कोई दो अच्छे स्रोत बताइये।
  89. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  90. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  91. प्रश्न- “भाप द्वारा पकाया भोजन सबसे उत्तम होता है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  92. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  95. प्रश्न- मानव विकास को परिभाषित करते हुए इसकी उपयोगिता स्पष्ट करो।
  96. प्रश्न- मानव विकास के अध्ययन के महत्व की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  97. प्रश्न- वंशानुक्रम से आप क्या समझते है। वंशानुक्रम का मानवं विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  98. प्रश्न . वातावरण से क्या तात्पर्य है? विभिन्न प्रकार के वातावरण का मानव विकास पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए।
  99. प्रश्न . विकास एवं वृद्धि से आप क्या समझते हैं? विकास में होने वाले प्रमुख परिवर्तन कौन-कौन से हैं?
  100. प्रश्न- विकास के प्रमुख नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा कीजिए।
  101. प्रश्न- वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- बाल विकास के अध्ययन की परिभाषा तथा आवश्यकता बताइये।
  103. प्रश्न- पूर्व-बाल्यावस्था में बालकों के शारीरिक विकास से आप क्या समझते हैं?
  104. प्रश्न- पूर्व-बाल्या अवस्था में क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
  105. प्रश्न- मानव विकास को समझने में शिक्षा की भूमिका बताओ।
  106. प्रश्न- बाल मनोविज्ञान एवं मानव विकास में क्या अन्तर है?
  107. प्रश्न- वृद्धि एवं विकास में क्या अन्तर है?
  108. प्रश्न- गर्भकालीन विकास की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-सी हैं? समझाइए।
  109. प्रश्न- गर्भकालीन विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक कौन से है। विस्तार में समझाइए |
  110. प्रश्न- गर्भाधान तथा निषेचन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए भ्रूण विकास की प्रमुख अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।.
  111. प्रश्न- गर्भावस्था के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
  112. प्रश्न- प्रसव कितने प्रकार के होते हैं?
  113. प्रश्न- विकासात्मक अवस्थाओं से क्या आशर्य है? हरलॉक द्वारा दी गयी विकासात्मक अवस्थाओं की सूची बना कर उन्हें समझाइए।
  114. प्रश्न- "गर्भकालीन टॉक्सीमिया" को समझाइए।
  115. प्रश्न- विभिन्न प्रसव प्रक्रियाएँ कौन-सी हैं? किसी एक का वर्णन कीएिज।
  116. प्रश्न- आर. एच. तत्व को समझाइये।
  117. प्रश्न- विकासोचित कार्य का अर्थ बताइये। संक्षिप्त में 0-2 वर्ष के बच्चों के विकासोचित कार्य के बारे में बताइये।
  118. प्रश्न- नवजात शिशु की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
  119. प्रश्न- नवजात शिशु की पूर्व अन्तर्क्रिया और संवेदी अनुक्रियाओं का वर्णन कीजिए। वह अपने वाह्य वातावरण से अनुकूलन कैसे स्थापित करता है? समझाइए।
  120. प्रश्न- क्रियात्मक विकास से आप क्या समझते है? क्रियात्मक विकास का महत्व बताइये |
  121. प्रश्न- शैशवावस्था तथा स्कूल पूर्व बालकों के शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास से आपक्या समझते हैं?
  122. प्रश्न- शैशवावस्था एवं स्कूल पूर्व बालकों के सामाजिक विकास से आप क्यसमझते हैं?
  123. प्रश्न- शैशवावस्थ एवं स्कूल पूर्व बालकों के संवेगात्मक विकास के सन्दर्भ में अध्ययन प्रस्तुत कीजिए।
  124. प्रश्न- शैशवावस्था क्या है?
  125. प्रश्न- शैशवावस्था में संवेगात्मक विकास क्या है?
  126. प्रश्न- शैशवावस्था की विशेषताएं क्या हैं?
  127. प्रश्न- शैशवावस्था में शिशु की शिक्षा के स्वरूप पर टिप्पणी लिखो।
  128. प्रश्न- शिशुकाल में शारीरिक विकास किस प्रकार होता है।
  129. प्रश्न- शैशवावस्था में मानसिक विकास कैसे होता है?
  130. प्रश्न- शैशवावस्था में गत्यात्मक विकास क्या है?
  131. प्रश्न- 1-2 वर्ष के बालकों के संज्ञानात्मक विकास के बारे में लिखिए।
  132. प्रश्न- बालक के भाषा विकास पर टिप्पणी लिखिए।
  133. प्रश्न- संवेग क्या है? बालकों के संवेगों का महत्व बताइये।
  134. प्रश्न- बालकों के संवेगों की विशेषताएँ बताइये।
  135. प्रश्न- बालकों के संवेगात्मक व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं समझाइये |
  136. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से आप क्या समझते है। पियाजे के संज्ञानात्मक विकासात्मक सिद्धान्त को समझाइये।
  137. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  138. प्रश्न- दो से छ: वर्ष के बच्चों का शारीरिक व माँसपेशियों का विकास किस प्रकार होता है? समझाइये।
  139. प्रश्न- व्यक्तित्व विकास से आपका क्या तात्पर्य है? बच्चे के व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
  140. प्रश्न- भाषा पूर्व अभिव्यक्ति के प्रकार बताइये।
  141. प्रश्न- बाल्यावस्था क्या है?
  142. प्रश्न- बाल्यावस्था की विशेषताएं बताइयें।
  143. प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में खेलों के प्रकार बताइए।
  144. प्रश्न- पूर्व बाल्यावस्था में बच्चे अपने क्रोध का प्रदर्शन किस प्रकार करते हैं?

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